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dxn hindi mein All inormation

DXN TEA TREE CREAM

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DXN TEA TREE CREAM FOR SKIN PROTECTION & HYGIENE                     टी ट्री कीम एक आस्ट्रेलियन हर्ब टी ट्री ( Melaleuca alternifolia ) के तेल से । निर्मित है जो त्वचा की सुरक्षा के लिये अति उत्तम है एन्टीबैक्टीरियल और एन्टीफगल इफेक्ट के कारण त्वचा से सम्बन्धित समस्याओं में बहुत असरकारक है ।   टी ट्री क्रीम के विशेष लाभ :   कील , मुंहासे , झाइयों को जड़ से मिटाए , त्वचा को स्वस्थ सुन्दर बनाए .   दाद , खाज खुजली का मिटा दे नाम , इधर लगाए उधर आराम ,  कटने , छिलने व जलने में आराम दिलाए , त्वचा से घाव के निशान मिटाए  मच्छर व अन्य कीटों के काटने पर जलन मिटाए , तुरन्त आराम दिलाए ।   गुप्तांगो के इन्फेक्शन से मिले राहत , टी ट्री क्रीम हे सबकी चाहत .   शरीर की अनचाही दुर्गन्ध दूर भगाए , भीनी भीनी सुगंध मन को भाए ।   प्रयोग विधि :   टी ट्री क्रीम में किसी अन्य क्रीम को बराबर माग में मिलाकर लगाने की सलाह जाती है आँखों के पास न लगाए टी ट्री क्रीम केवल बाहरी प्रयोग के लिए है । उत्तम परिणाम के लिये पहले त्वचा को गैनोजी सोप से धोकर टी ट्री क्रीम लगायें # ORDER NOW.... NOT A

DXN GANOZHI SOAP

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चमत्कारी हर्ब गैनोडर्मा युक्त गैनोजी सोप पाम आयल के साथ तैयार किया गया है .  गैनोजी सौप के नियमित प्रयोग से त्वचा के दाग धब्बे व झुर्रियाँ कम होने लगती हैं ,  त्वचा के दाने , मुहांसे , ब्लक हेड्स , पिगमेंटेशन , फगल इन्फेक्शन या किसी भी प्रकार की स्किन एलर्जी को दूर करने में गैनोजी सोप सक्षम है .  गैनोजी सोप में शामिल गैनोडेरिक एसेन्स रिकन सेल्स को रिपेयर करके त्वचा को कॉतिमय बनाता है .  गैनोजी सोप में विटामिन ई और एन्टीऑक्सीडेन्ट्स की प्रचुर मात्रा होने के कारण यह त्वचा के स्ट्रक्चर व नेचरल ऑयल्स को नुकसान पहुंचाये बिना । त्वचा के अन्दर की गंदगी साफ कर त्वचा को स्वस्थ बनाता है ।  इसमें कोई हानिकारक केमिकल या आर्टीफीशियल कलर न होने के कारण बच्चों की कोमल त्वचा के लिये भी गेनोजी सोप पूर्णतया सुरक्षित है . *  इसके अलावा गैनोजी सोप अति उत्तम है -  बेहतरीन फेशियल क्लीन्जर के रूप में ।  स्किन पर फेयरनेस लाने में ।  आँखों के नीचे ब्लैक शेड्स व झाइयाँ दूर करने में शेविग क्रीम के रूप में पयोग करने पर शेव बहुत मुलायम बनती है ।  वे किसी एन्टीसेप्टिक आफ्टर शेव की आवश्यकत

Dxn गैनोडर्मा की कार्यप्रणाली एवं अनुमानित अवधि ( Woman cell)

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गैनोडर्मा की कार्यप्रणाली एवं अनुमानित अवधि  Scanning स्कॅनिंग ( खोज व जांच ) 1 - 30 दिन शरीर में जाने के बाद गैनोडर्मा पूरी बॉडी की स्कैनिंग करके सेल्स की गहराई में छिपे टॉक्सिन्स ( विषेले दूषित पदार्थ ) का पता लगाता है . इसके अलावा कोशिकाओं में अगर कोई खराबी है या किसी रोग के जीवाणु हैं तो इसकी जांच भी करता है ।  Detoxification क्लीनिग ( सफाई ) 1 - 30 सप्ताह । स्कैनिंग के बाद कोषिकाओं से दूषित पदार्थ और जीवाणुओं को बाहर निकालने का काम शुरू होता है , पानी में घुलनशील टॉक्सिन्स या जीवविष पेशाब पसीना आदि से बाहर निकलते हैं और जल में अघुलनशील पदार्थ मल इत्यादि के द्वारा बाहर निकलते हैं ।  Regulating बलेन्सिंग ( सतुलन ) 1 - 12 माह क्लीनिंग के बाद नम्वर आता है ऑर्गन्स और सिस्टम को बैलेन्स करने का , जिसके फलस्वरूप शरीर संतुलित होता है और हमें रोगों से मुक्ति मिलती है ।  Building बिल्डिंग ( निर्माण ) 6 - 24 माह अव शरीर में हीलिंग औसस आरम्भ होता है इसके अंतर्गत टूटे फूटे एव दुर्घटना आदि में । नष्ट हो चुके सेल्स की मरम्मत का कार्य आता है ।  Regeneration रीजेनरेशन ( पुनर्जीवन ) 1 - 3
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गैनोट गैनोडर्मा में उपस्थित प्रमुख सक्रिय तत्व व उनके गुण  गैनोडर्मा में 200 से अधिक ऐक्टिव एलीमेंट्स होते है जिनमें प्रमुख निम्न हैं  Polysaccharides क्लीन्जर ( शोधक ) - शरीर से विषैले तत्वों को खोजकर बाहर निकालते हैं सेल्स को विकृत होने से बचाते और हानिकारक सेल्स की बढ़वार रोकते हैं . लाल रक्त कणिकाओं ( RBC ) की ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता को बढ़ाते हैं ,   Organic Germanium बैलेन्सर ( सन्तुलक ) - यह शरीर के इलेक्ट्रिक चार्ज बैलेन्स को रेगुलेट करता है येन व नर्वस सिस्टम को इम्पत करता है ब्लड में ऑक्सीजन की सप्लाई बढाता है , टयूमर व कन्सर को फैलने से रोकने में इसको विशेष मान्यता प्राप्त है DXN द्वारा निर्मित GL कैप्सूल में ऑर्गेनिक जर्मेनियम की मात्रा RG से तीन गुना अधिक होती है ।   Adenosine रेगुलेटर ( नियामक ) - यह Endocrine system के बैलेन्स को बनाये रखता है . ब्लड में कोलेस्ट्रॉल और फ्री फैट के लेविल को घटाकर हार्ट अटैक के खतरे से बचाता है . ब्लड के pH लेविल को बैलेन्स फरता है , Scann शरीर में आ टॉक्सिन्स कोई खराट Detoxi स्कनिग के शुरू होता निकलते हैं Regul लीनिंग । फल

गैनोडर्मा की विशेषतायें ( DXN Ganoderma benefit)

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  गैनोडर्मा की विशेषतायें   गैनोडर्मा के सेवन से लम्बी आयु व उत्तम स्वास्थ प्राप्त होता है .    गैनोडर्मा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर सभी रोगों के उपचार में सहायता करता है .  गैनोडर्मा का सेवन प्रत्येक उम्र के स्वस्थ व अस्वस्थ लोग कर सकते हैं .   गैनोडर्मा कोई दवा नहीं , अपितु हाई थेरेपेटिक वैल्यू वाला एक पूरक पोषाहार है .   गैनोडर्मा का असर केवल रोग के लक्षणों पर या किसी एक अंग तक सीमित नहीं है बल्कि यह समस्या की जड़ पर प्रहार करके सारे शरीर को तन्दुरुस्त बनाता है ,  गैनोडर्मा कोशिकाओं की गहराई में पहुँचकर टॉक्सिंस को तलाश करके बाहर निकालता है , कोशिकाओं की मरम्मत और पुनर्निर्माण कर उनपर सुरक्षा कवच चढ़ाकर भविष्य में जीवविष के आक्रमण से बचाता है . ।   गैनोडर्मा वृद्धों को आधिक सक्रिय व उर्जावान बनाता है और बच्चों की चंचलता में वृद्धि करता है .  गैनोडर्मा , नियमित प्रयोग करने पर भविष्य में रोगों से बचे रहने की संभावना को प्रबल करता है .   गैनोडर्मा किसी भी पैथी के विरुद्ध न होने के कारण इसे किसी भी दवा के साथ लिया जा सकता है . अति लाभकारी होने के कारण यह स्वतः ही दया छ

रोग होने के मूल कारण (DXN)

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रोग होने के मूल कारण  आज के दौर में कुछ भी शुद्ध नहीं रहा जिस वातावरण में हम सास ले रहे हैं , जो पानी हम पी रहे हैं या जो भोजन हमें खाने को मिल रहा है यह सभी प्रदूषित है इसके अतिरिक्त सोने पर सुहागा यह कि माडर्न लाइफ स्टाइल के नाम पर हमने फास्ट फूड कार्बानटेड सॉफ्ट ड्रिक्स तम्बाकू गुटखा घूम्रपान और शराब जैसे दुश्मनों को गले लगा रखा है । इन्ही पदार्थों के द्वारा टॉक्सिन ( विषाणू ) हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते है यही टॉक्सिन बहुत आसानी से हमारे शरीर की कोशिकाओं तक पहुंच जाते है । हम सभी जानते हैं कि हमारा शरीर खरबो कोशिकाओं ( Cells ) का पुज है बहुत से कीशो । से मिलकर उतक ( Tissue ) बनते हैं . इन्हीं उतको से विभिन्न अग ( Organs ) बनते हैं । अगों से तत्र ( System ) और कई तत्रों से मिलकर हमारा शरीर ( Body ) बनता है इस तरह कोश ( Cell ) हमारे शरीर की आधारभूत इकाई है जब कोशों में बाहर से आकर विषैले पदार्थ ( Toxins ) जमा हो जाते है तो कोश सक्रमित ( Infected ) हो जाते हैं संक्रमण के कारण कोश बीमार और मृतप्राय हो जाते है , जिस अग में बीमार कोश होते हैं वह अग असंतुलित व कमजोर होकर तत्र को ब

Dxn क्योटो यूनिवर्सिटी के फूडस्टफ साइंटिफिक इन्स्टीट्यूट ।के यूकीउ नाउइ के अनुसारः

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क्योटो यूनिवर्सिटी के फूडस्टफ साइंटिफिक इन्स्टीट्यूट ।के यूकीउ नाउइ के अनुसारः क्या गैनोडर्मा सच में एक दुर्लभ औषधि है ? इसका उत्तर पाने के लिये हम 13 वर्षों से इसकी कार्यप्रणाली पर बार बार अनुसधान कर रहे हैं जिसके सतोषजनक परिणाम मिले है पहला प्रश्न हैं कि क्या गैनोडर्मा हर प्रकार के रोगों में असरकारक है ? हमारा उत्तर है कि हाँ क्योकि यह आधुनिक मानव को तंदुरुस्त बनाए रखने में समर्थ है गैनोडर्मा एक रोगी मनुष्य के शरीर के सबसे कमजोर भाग पर प्रभाव डाल सकता है यह बीमारी को जड़ से समाप्त करके रोगी को स्वस्थ बनाता है । गैनोडर्मा एक असतलित शरीर को निरोगी काया में बदल सकता है रग व नस्ल के अन्तर के बिना सपर्ण विश्व के समस्त मनुष्यों पर गनोडमी का परिणाम एक समान है यदि रोगी के शरीर की रचना गैनोडर्मा को ग्रहण करती है तो इसका सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है सच्चाई तो यह है कि हमें कोई भी ऐसा मनुष्य नहीं मिला जिस पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ा हो या असतोषजनक परिणाम मिले हो । Follow  Now..