रोग होने के मूल कारण (DXN)
रोग होने के मूल कारण
आज के दौर में कुछ भी शुद्ध नहीं रहा जिस वातावरण में हम सास ले रहे हैं , जो पानी हम पी रहे हैं या जो भोजन हमें खाने को मिल रहा है यह सभी प्रदूषित है इसके अतिरिक्त सोने पर सुहागा यह कि माडर्न लाइफ स्टाइल के नाम पर हमने फास्ट फूड कार्बानटेड सॉफ्ट ड्रिक्स तम्बाकू गुटखा घूम्रपान और शराब जैसे दुश्मनों को गले लगा रखा है । इन्ही पदार्थों के द्वारा टॉक्सिन ( विषाणू ) हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते है यही टॉक्सिन बहुत आसानी से हमारे शरीर की कोशिकाओं तक पहुंच जाते है । हम सभी जानते हैं कि हमारा शरीर खरबो कोशिकाओं ( Cells ) का पुज है बहुत से कीशो । से मिलकर उतक ( Tissue ) बनते हैं . इन्हीं उतको से विभिन्न अग ( Organs ) बनते हैं । अगों से तत्र ( System ) और कई तत्रों से मिलकर हमारा शरीर ( Body ) बनता है इस तरह कोश ( Cell ) हमारे शरीर की आधारभूत इकाई है
जब कोशों में बाहर से आकर विषैले पदार्थ ( Toxins ) जमा हो जाते है तो कोश सक्रमित ( Infected ) हो जाते हैं संक्रमण के कारण कोश बीमार और मृतप्राय हो जाते है , जिस अग में बीमार कोश होते हैं वह अग असंतुलित व कमजोर होकर तत्र को बिगाड़ देता है । और तत्र के सुचारु रूप से काम न करने के कारण सारा शरीर ही रोगी हो जाता है । कमजोर व मतपाय कोशों का निदान न होने के फलस्वरूप अवयव और तत्रों का सतलन । बिगडने लगता है और धीरे धीरे हमारा शरीर विभिन्न रोगो का घर बनता चला जाता है । फार्मूला बिल्कुल सँधा है
कोशिकाएं स्वस्थ = शरीर स्वस्थ , कोशिकाएं बीमार = शरीर बीमार , कोशिकाओं की मृत्यु ,
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